रविवार, 30 जनवरी 2011

baby-world: चाहत थी अपनीराग की नदी बन बहूं तुम्‍हारी सांसों...

baby-world: चाहत थी अपनी


राग की नदी बन बहूं तुम्‍हारी सांसों...
: "चाहत थी अपनी राग की नदी बन बहूं तुम्‍हारी सांसों में यही तो रही चाह तुम्‍हारी भी, पर सहेज नहीं पाए तुम अपने मन का आवेग ...स्‍वीकार नही..."

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