मेरे जीवन में अचानक खुला
तुम एक ऐसा पृष्ठ हो
जो सौ सोपानों से भी अधिक मूर्तिमान है।
तुम ना तो मेरा बीता हुआ कल हो
और न आने वाला कल
तुम सिर्फ़ एक सशक्त वर्तमान
मेरी आत्मा से प्रस्फुटित
वैदिक ऋचाओं-से पवित्र
मेरे अस्तित्व की नई पहचान
अपरिमाणित हो कर भी
एक अनन्य सत्य की भाँति
मेरे प्राण की संजीवनी
सर्वशक्तिमान!
तुम एक ऐसा पृष्ठ हो
जो सौ सोपानों से भी अधिक मूर्तिमान है।
तुम ना तो मेरा बीता हुआ कल हो
और न आने वाला कल
तुम सिर्फ़ एक सशक्त वर्तमान
मेरी आत्मा से प्रस्फुटित
वैदिक ऋचाओं-से पवित्र
मेरे अस्तित्व की नई पहचान
अपरिमाणित हो कर भी
एक अनन्य सत्य की भाँति
मेरे प्राण की संजीवनी
सर्वशक्तिमान!
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