गुरुवार, 17 मार्च 2011

होली मेरे लिए सबसे बड़ा त्यौहार है क्यूँ की होली के दिन पूरी आज़ादी के साथ मस्ती धमा-चोकड़ी कर सकतें हैं और कोई रोकने वाला भी नहीं होता !मस्ती, खाना और गाना इसी का तो नाम होली है पर इस दिन हमें ये भी ख्याल रखनी उतनी ही जरुरी है की मेरे कारण किसी को चोट न पहुंचे न ही किसी का दिल दुखे ! नहीं तो रंग में भंग होते भी देर न लगेगी !शादी के बाद से अब मै होली में उतनी मस्ती तो नहीं कर पाती हूँ अपने पति और बच्चों के साथ ही थोडा बहुत होली खेल लेती हूँ क्यूंकि मेरा ज्यादा समय तो मालपुए ,गुघिया और दही बड़ा बनाने में ही बीत जाता है होली का मै हर साल बेसब्री के साथ इंतजार करती हूँ भारतीय संस्कृति में उत्सवों और त्यौहारों का आदि काल से ही महत्व रहा है। हर संस्कार को एक उत्सव का रूप देकर उसकी सामाजिक स्वीकार्यता को स्थापित करना भारतीय लोक संस्कृति की सबसे बडी विशेषता रही है। भारत में उत्सव व त्यौहारों का सम्बन्ध किसी जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र से न होकर समभाव से है और हर त्यौहार के पीछे एक ही भावना छिपी होती है- मानवीय गरिमा को समृद्ध करना। शायद यही कारण है कि एक समय किसी धर्म विशेष के त्यौहार माने जाने वाले पर्व आज सभी धर्मों के लोग आदर के साथ हँसी-खुशी मनाते हैं।आप सब को मेरे ओर से होली की ढेर सारी बधाइयाँ हैप्पी होली... नेहा ठाकुर

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