ये कैसा तुम्हारा जादू वसंत
तन मन दोनों बौराए
पलक झपकती नहीं
इंतज़ार अपने दीवाने का
ये आँखें करती हैं
सच कहती हूँ वसंत
तुम्हारा आना मन को
बहुत भाता है
तुम्हारे आने से
आँचल मेरा भर जाता है
अपार खुशियों से........
तन मन दोनों बौराए
पलक झपकती नहीं
इंतज़ार अपने दीवाने का
ये आँखें करती हैं
सच कहती हूँ वसंत
तुम्हारा आना मन को
बहुत भाता है
तुम्हारे आने से
आँचल मेरा भर जाता है
अपार खुशियों से........
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें