सोमवार, 28 मार्च 2011

सुन्दरता..!!!

सुन्दरता चेहरे पे नहीं,
दिल में नज़र आती है ।
हजारों के समूह में प्रियतमा,
प्रियतम को ही नजर आती है ।
मानवता कहने में नहीं,
कर-गुजरने में नजर आती है ।
दोस्ती दोस्तों की संख्या में नहीं,
एक सच्चे दोस्त में नजर आती है ।
कविता की गहराई शब्दों में नहीं,
लिखने वाले के भाव में नजर आती है ।
बड़ी सी कविता क्यूँ लिखूँ ,
मेरी बात मेरी सखी यूँ ही समझ जाती है...

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